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Posted by : Unknown Sunday, 22 February 2015

     नीतीश कुमार चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। राजभवन के राजेन्द्र मंडप में आयोजित भव्य समारोह में शाम 5 बजे राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी उन्हें शप शपथ ग्रहण दिलाएंगे। नीतीश के साथ एक दर्जन मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। कैबिनेट में राजद के शामिल होने पर फैसला लालू प्रसाद करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी के मुताबिक बहुमत साबित करने के बाद कांग्रेस मंत्रिमंडल में शामिल होगी। या कुछ के मंत्री भी बनाये जा सकते हैं,नीतीश 11 मार्च को बहुमत साबित करेंगे।  शपथ ग्रहण समारोह में यूपी, पश्चिम बंगाल और असम के मुख्यमंत्री भी आएंगे। इसके अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, लालू प्रसाद, मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव, शरद यादव, इनेलो नेता अभय चौटाला व दुष्यंत चौटाला, कांग्रेस के बिहार प्रभारी सीपी जोशी, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अंजन दत्त, झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी सहित कई राज्यों के नेता भी मौजूद होंगे। राजभवन ने करीब 1000 कार्ड बांटे हैं, और सभी को आने की सम्भावना हैं। 
नीतीश ने दी दावत :- नीतीश ने जदयू, राजद, कांग्रेस, सीपीआई और अपने निर्दलीय समर्थक समेत 130 विधायकों को शनिवार को दावत दी। भोज में कई पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, दलों के प्रदेश अध्यक्ष और जदयू के पदाधिकारी शामिल हुए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फोन पर बधाई देंगे तो उन्हें धन्यवाद कहेंगे। यदि मोदी ने ट्विटर पर बधाई दी तो वह फेसबुक पर धन्यवाद कहेंगे। 
नीतीश से मेरा व्यक्तिगत झगड़ा नहीं :- मांझी निवर्तमान मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश से व्यक्तिगत रूप से मेरा कोई झगड़ा नहीं है। मैं तो उनके शपथग्रहण समारोह में भी जाऊंगा और उन्हें बधाई दूंगा। जिन मुद्दों को सामने रख गरीबों के लिए मैंने जो फैसले लिए हैं, अगर नीतीश उन पर काम करते हैं, तो मैं उन्हें धन्यवाद दूंगा। नीतीश अपने इर्द-गिर्द के आठ-दस लोगों के चक्कर में फंस गए और एक गरीब को सत्ता से बाहर कर दिया। मुझे अगर समझ में आता है कि नीतीश कुमार गलती कर रहे हैं तो मैं भीष्म पितामह की तरह चुप नहीं रहूंगा, उनसे बात करूंगा। मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार में यह क्षमता ही नहीं कि वह उनसे सम्मान के साथ बात करें। पर अगर वह बात करेंगे तब कुछ सोचेंगे। किसने क्या कहा? मैं धन्यवाद देता हूं कि मेरे चलते जीतन राम मांझी ने इस्तीफा दे दिया। मैंने सभी फैसले नियमानुकूल लिए हैं। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं। लगातार विधायिका की गरिमा धूमिल करने की चेष्टा हुई। - उदयनारायण चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि अब उनके सुशासन का मुखड़ा कैसा होगा। लालू प्रसाद 10 साल बाद बिहार की सत्ता में लौट रहे हैं। उन्हें बधाई देता हूं। बेटी की शादी उनके लिए शुभ है। बिहार की नई सरकार अस्थिर होगी। ऐसे में मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार कैसे इस सरकार को अच्छे से चला सकेंगे। यह संभव नहीं है।

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