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- जीतनराम मांझी का इस्तीफा नीतीश को न्योता
Posted by : Unknown
Friday, 20 February 2015
बिहार में मचे राजनीति घमासान के बीच जीतनराम मांझी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब 22 फरवरी को जदयू नेता नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के सीएम के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। रविवार शाम 5 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा। शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे नीतीश पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओंके साथ सरकार बनाने का दावा लेकर राज्यपाल से मिले थे। राज्यपाल ने यह दावा स्वीकार करते हुए उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया।
मांझी का इस्तीफा राज्यपाल की मंजूरी : शुक्रवार सुबह सवा दस बजे विश्वासमत पेश होने से पहले ही मांझी ने राज्यपाल को राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। मांझी को आभास हो गया था कि मैं बहुमत साबित नहीं कर सकता है। राज्यपाल ने मांझी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और बिहार विधानमंडल की कार्यवाही अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी।
नीतीश और विधानसभा अध्यक्ष पर जोरदार हमला बोला : मांझी ने नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी पर जोरदार हमला किया। उन्होंने दावा किया, ‘जदयू के 40 से 52 विधायक मेरे पक्ष में हैं लेकिन नीतीश के भय से वे मेरे साथ नजर नहीं आना चाहते हैं। जब यह साफ हो गया कि गुप्त मतदान नहीं होगा तो मैंने सोचा कि उन्हें संकट में नहीं डालना चाहिए इसलिए इस्तीफा दे दिया।’
नीतीश 22 फरवरी को चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे
मैं बिहार के लोगों से क्षमा मांगता हूं और वादा करता हूं कि दोबारा ऐसी गलती भावना में आकर नहीं दोहराऊंगा। नीतीश ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, ‘मांझी ने भाजपा के कहने पर सब किया। घोड़े (मांझी) ने दौड़ शुरू होने से पहले दौड़ने से मना कर दिया। नीतीश मार्च, 2000 में पहली बार सीएम बने। फिर 2005 और 2010 में भी कुर्सी संभाली।
मांझी का इस्तीफा राज्यपाल की मंजूरी : शुक्रवार सुबह सवा दस बजे विश्वासमत पेश होने से पहले ही मांझी ने राज्यपाल को राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। मांझी को आभास हो गया था कि मैं बहुमत साबित नहीं कर सकता है। राज्यपाल ने मांझी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और बिहार विधानमंडल की कार्यवाही अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी।
नीतीश और विधानसभा अध्यक्ष पर जोरदार हमला बोला : मांझी ने नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी पर जोरदार हमला किया। उन्होंने दावा किया, ‘जदयू के 40 से 52 विधायक मेरे पक्ष में हैं लेकिन नीतीश के भय से वे मेरे साथ नजर नहीं आना चाहते हैं। जब यह साफ हो गया कि गुप्त मतदान नहीं होगा तो मैंने सोचा कि उन्हें संकट में नहीं डालना चाहिए इसलिए इस्तीफा दे दिया।’
नीतीश 22 फरवरी को चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे
मैं बिहार के लोगों से क्षमा मांगता हूं और वादा करता हूं कि दोबारा ऐसी गलती भावना में आकर नहीं दोहराऊंगा। नीतीश ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, ‘मांझी ने भाजपा के कहने पर सब किया। घोड़े (मांझी) ने दौड़ शुरू होने से पहले दौड़ने से मना कर दिया। नीतीश मार्च, 2000 में पहली बार सीएम बने। फिर 2005 और 2010 में भी कुर्सी संभाली।
नौ महीने में डूबी मांझी की नैया
जीतनराम मांझी के नौ महीनों का कार्यकाल उनके विवादित बयानों, लोकलुभावन फैसलों और पार्टी नेतृत्व से पंगा लेने के लिए लंबे समय तक याद किया जाएगा। लोकसभा चुनावों में पराजय की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देकर मांझी को सीएम बनाया। शुरू के दो-तीने महीने सब ठीक ठाक रहा, लेकिन इसके बाद मांझी के तेवर तल्ख होते गए। मांझी कहते हैं कि उन्होंने सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप का विरोध किया तो परेशानियां आने लगीं।
9 बड़े फैसले मांझी के जीतनराम मांझी के नौ महीनों का कार्यकाल उनके विवादित बयानों, लोकलुभावन फैसलों और पार्टी नेतृत्व से पंगा लेने के लिए लंबे समय तक याद किया जाएगा। लोकसभा चुनावों में पराजय की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देकर मांझी को सीएम बनाया। शुरू के दो-तीने महीने सब ठीक ठाक रहा, लेकिन इसके बाद मांझी के तेवर तल्ख होते गए। मांझी कहते हैं कि उन्होंने सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप का विरोध किया तो परेशानियां आने लगीं।
1. वासविहीन लोगों के लिए बाजार दर पर पांच डिसिमल जमीन का इंतजाम और शहरी क्षेत्र में भी उनके लिए जमीन की व्यवस्था का फैसला।
2. मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना में विधायकों की अनुशंसा पर दो करोड़ की जगह तीन करोड़ की योजना ली जाएगी।
3. पुलिस कर्मियों को बारह महीने के बदले तेरह महीने का वेतन।
4. सभी 46 हजार गांवों में पांच हजार के मानदेय पर स्वच्छताकर्मी की नियुक्ति।
5. लड़कियों को स्नातकोत्तर तक नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था।
6. पांच एकड़ तक जमीन वाले किसान को कृषि के लिए मुफ्त बिजली।
7. सभी अनुसूचित जाति के लोगों को महादलितों की सूची में शामिल करना।
8. सरकारी सेवा में राजपत्रित पदों को छोड़कर महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण।
9. पच्चीस लाख तक के निर्माण कार्यों में एससी, एसटी, पिछड़ा, अति पिछड़ा व महिलाओं के लिए आरक्षण। मैं उसी तेवर और अंदाज में काम करूंगा, जिस तरह पिछले आठ साल सरकार चलाया था।
बयान उनके जो चर्चा का विषय बने
शराब को दवा के रूप 8 सितंबर 2014 :बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर अजीबोगरीब बयान दिया है। इस बार मुख्यमंत्री मांझी ने लोगों को शराब पीने की सलाह दी है। हालांकि उन्होंने इसके बाद सफाई देते हुए कहा कि इसे दवा के रूप में पिएं।
हाथ काट देंगे 18 अक्टूबर, 2014 :शुक्रवार को एक बार फिर अजीबोगरीब बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर इलाज में गरीबों के साथ खिलवाड़ हुआ तो वे दोषी का हाथ काट देंगे, भले ही इसके लिए उनके साथ कोई भी सितम क्यों न हो।
दलित ही मूल भारतीय नवंबर 13, 2014 :मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एक बार फिर विवादित बयान से सुर्खियों में आए। उन्होंने अगड़ी जातियों को विदेशी और दलित और आदिवासी लोगों को मूल रूप से भारतीय बताया। कोई आंख दिखाए तो
कोई आंख दिखाए तो 24 जनवरी 2014 :मांझी ने जेडीयू के दलित कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि हम किसी काम पर बोलते हैं तो हमें आंख दिखाई जाती है। ऐसे में जो आंख दिखाए उसकी आंख को काट दिया जाए। नक्सली असली योद्धा 28 जनवरी 2015 :मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने मधेपुरा के टेंगराहा में कहा कि अपने अधिकार के लिए लड़ने वाले नक्सली वास्तव में योद्धा हैं।
कमीशन 13 फरवरी 2015 :राज्य के पुल निर्माण कार्य में कमीशनखोरी होने का आरोप लगाया और कुछ कमीशन उन्हें भी मिलने की बात की। क्या करती थीं पत्नियां 17 फरवरी 2015 :मांझी ने एक कार्यक्रम में कहा कि जवान आदमी बाहर चले जाते थे और साल भर बाद आते थे।