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Posted by : Unknown Tuesday, 9 December 2014



                बिहार( पटना) 2 जनवरी, 1975 को समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर एक  उदघाटन के दौरान हुए बम विस्फोट से संबंधित है। तत्कालीन  रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा इस समारोह में शामिल होने आए थे। विस्फोट में जख्मी मिश्रा की अगले दिन मृत्यु हो गई थी।
                तत्कालीन रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या से संबंधित मामले में दिल्ली की एक अदालत चार लोगों दोषी करार दिया है। 39 सालों से यह मामला चल रहा था। चारों दोषियों को 15 दिसंबर को कड़कड़डुमा कोर्ट सजा सुनाएगा। चारों को आईपीसी के सेक्शन 302 के तहत हत्या मामले में सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने चारों दोषियों को हिरासत में भेज दिया है। रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या के मामले में आरोपों तत्कालीन  प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भी आए थे तब इस तरह की खबरें उड़ी थीं कि इस हत्या में इंदिरा गांधी का हाथ है।  यह बात कभी साबित नहीं हुई यहां तक कि आरोपियों में भी इंदिरा गांधी का नाम नहीं था लेकिन आज भी राजनीतिक गलियारों में लोगों को यह कहते सुना जा सकता है कि इस हत्या में इंदिरा गांधी का हाथ था।

                   जज विनोद गोयल ने 12 सितंबर को सीबीआई और इस हत्याकांड के चारों अभियुक्तों के वकीलों की दलीलें सुनने की कार्यवाही पूरी की थी। अदालत ने कहा था कि इस मामले में 12 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा, लेकिन बाद में इसे 8 दिसंबर के लिए स्थगित कर दिया गया था  मुकदमे की सुनवाई के दौरान 200 से अधिक गवाहों से पूछताछ हुई। इसमें अभियोजन पक्ष के 161 और बचाव पक्ष के 40 से अधिक गवाह शामिल थे। हत्याकांड में आरोपी वकील रंजन द्विवेदी को 24 साल की उम्र में आनंद मार्ग समूह के चार सदस्यों के साथ आरोपी बनाया गया था। द्विवेदी के अलावा इस मामले में संतोषानंद अवधूत, सुदेवानंद अवधूत और गोपालजी अभियुक्त थे। more >>


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