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- पेशावर में पाकिस्तानी तालिबान ने 132 बच्चे मारे
Posted by : Unknown
Friday, 19 December 2014
गली गली से निकले ज़नाजे
पेशावर आर्मी पब्लिक स्कूल में हुए तालिबान के हमले में 132 स्कूली बच्चों के मारे जाने के बाद दुनिया भर के तमाम देशों और पुरे पाकिस्तान में शोक का माहोल है , उससे लोगो का कलेजा मुंह को आ गया। चारो ओर चीख पुकार मची है हर गली से दो - तीन मासूम बच्चों के जनाजे निकलते हुए दिखाई दिए।
पेशावर की वारसाक रोड निवासी डॉ. आसिफ सोहराब ने कहा की शहर के असरफ बाजार , नानक नगर के कई घरो में रोने - पीटने की आवाज़े आ रही है। मासूम बच्चो के जनाज़े में हज़ारो लोग शामिल हुए। स्कूल पर हमले के बाद जब हॉस्पिटल में खून की कमी की बात सामने आई तो लेडी रीडिंग हॉस्पिटल में युवकों का हुजूम उमड़ पड़ा।
दिवार तोड़ कर बच्चों को बाहर निकाला
ऑपरेशन में पाकिस्तान सेना की क्विक टीम शामिल थी। हेलीकाप्टर और हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया। सेना की जबाबी करवाई के बाद आतंकी स्कूल की मुख्य इमारत से हटकर प्रशासनिक ऑफिस में छिप गए। इससे स्कूल की इमारत से बच्चों को निकला जाने लगा। दहशत के मारे तमाम स्कूली बच्चे कमरे बंद कर अपनी क्लासों में छिप थे। कई जगह तो जवानों ने पीछे की दिवार को तोड़कर बच्चों को निकाला ताकि बच्चों को गोली बारी से बचाया जा सके। आख़री वक़्त में तमाम बच्चों को रोशनदानों , कबाड़खाने और बाथरूम से बच्चों को बाहर निकाला गया।
आखिरी इम्तहान साबित हुआ
तालिबान लड़ाके कब्रिस्तान के रास्ते पीछे के गेट से आर्मी पब्लिक स्कूल में दाखिल हुए थे। आतंकियों ने स्कूल परिसर में घुसते ही ऑडिटोरियम और एग्जाम हॉल को निशाना बनाते हुए गोली बारी की। ज़्यादातर बच्चे इन्हीँ जगहों पर मारे गए। लम्बी दाढ़ी वाले और नकाब पोस आतंकी पुलिस की वर्दी पहने थे। वे अरबी बोल रहे थे। पेशावर हमले में आतंकियों ने रणनीति के तहत स्कूल सेक्शन की बजाय कॉलेज सेक्शन में धावा बोला। आतंकी पाकिस्तानी फौज के जवानो के बच्चों की पहचान कर निशाना बना रहे थे
आतंकी राशन भी लेकर आये थे
आतंकियों ने आर्मी स्कूल में घुसते ही अंधाधुन गोलीबारी की। पाकिस्तान सेना जनरल आसिम बजवा ने इससे इंकार किया की हमलावरों किसी को बंधक बनाने आये थे। तमाम स्कूली बच्चें सुरछा कर्मियों की गोली से भी मारे गए होगे।
पेशावर आर्मी पब्लिक स्कूल में हुए तालिबान के हमले में 132 स्कूली बच्चों के मारे जाने के बाद दुनिया भर के तमाम देशों और पुरे पाकिस्तान में शोक का माहोल है , उससे लोगो का कलेजा मुंह को आ गया। चारो ओर चीख पुकार मची है हर गली से दो - तीन मासूम बच्चों के जनाजे निकलते हुए दिखाई दिए।
पेशावर की वारसाक रोड निवासी डॉ. आसिफ सोहराब ने कहा की शहर के असरफ बाजार , नानक नगर के कई घरो में रोने - पीटने की आवाज़े आ रही है। मासूम बच्चो के जनाज़े में हज़ारो लोग शामिल हुए। स्कूल पर हमले के बाद जब हॉस्पिटल में खून की कमी की बात सामने आई तो लेडी रीडिंग हॉस्पिटल में युवकों का हुजूम उमड़ पड़ा।
दिवार तोड़ कर बच्चों को बाहर निकाला
ऑपरेशन में पाकिस्तान सेना की क्विक टीम शामिल थी। हेलीकाप्टर और हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया। सेना की जबाबी करवाई के बाद आतंकी स्कूल की मुख्य इमारत से हटकर प्रशासनिक ऑफिस में छिप गए। इससे स्कूल की इमारत से बच्चों को निकला जाने लगा। दहशत के मारे तमाम स्कूली बच्चे कमरे बंद कर अपनी क्लासों में छिप थे। कई जगह तो जवानों ने पीछे की दिवार को तोड़कर बच्चों को निकाला ताकि बच्चों को गोली बारी से बचाया जा सके। आख़री वक़्त में तमाम बच्चों को रोशनदानों , कबाड़खाने और बाथरूम से बच्चों को बाहर निकाला गया।
आखिरी इम्तहान साबित हुआ
तालिबान लड़ाके कब्रिस्तान के रास्ते पीछे के गेट से आर्मी पब्लिक स्कूल में दाखिल हुए थे। आतंकियों ने स्कूल परिसर में घुसते ही ऑडिटोरियम और एग्जाम हॉल को निशाना बनाते हुए गोली बारी की। ज़्यादातर बच्चे इन्हीँ जगहों पर मारे गए। लम्बी दाढ़ी वाले और नकाब पोस आतंकी पुलिस की वर्दी पहने थे। वे अरबी बोल रहे थे। पेशावर हमले में आतंकियों ने रणनीति के तहत स्कूल सेक्शन की बजाय कॉलेज सेक्शन में धावा बोला। आतंकी पाकिस्तानी फौज के जवानो के बच्चों की पहचान कर निशाना बना रहे थे
आतंकी राशन भी लेकर आये थे
आतंकियों ने आर्मी स्कूल में घुसते ही अंधाधुन गोलीबारी की। पाकिस्तान सेना जनरल आसिम बजवा ने इससे इंकार किया की हमलावरों किसी को बंधक बनाने आये थे। तमाम स्कूली बच्चें सुरछा कर्मियों की गोली से भी मारे गए होगे।