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Posted by : Unknown
Monday, 1 September 2014
नालंदा विश्वविद्यालय: 821 साल बाद 8 स्टूडेंट्स के साथ दोबारा शुरू हुई पढ़ाई
नालंदा. पांचवीं शताब्दी में उच्च शिक्षा का केंद्र रहे नालंदा विश्वविद्यालय में 821 साल बाद सोमवार से दोबारा
पढ़ाई शुरू हुई। नए विश्वविद्यालय का निर्माण प्राचीन विश्वविद्यालय के लोकेशन से 12 किलोमीटर दूर राजगीर में किया
गया है।
शुरुआत 8 स्टूडेंट्स के साथ की गई, जिनकी कक्षाएं राज्य सरकार के कला संस्कृति व पर्यटन विभाग के
कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की गईं। पहले दिन इंट्रोडक्शन सेशन चला। कन्वेंशन सेंटर को 15 दिन के लिए किराए पर
लिया गया है। 14 सितंबर को विश्वविद्यालय के औपचारिक उद्घाटन के बाद कक्षाएं प्रशासनिक भवन में लगेंगी।
पढ़ाई के साथ ही रिसर्च पर ज्यादा जोर
विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. गोपा सबरवाल ने बताया कि यहां कुल 7 विषय पढ़ाए जाएंगे। जापान और
भूटान के एक-एक छात्र समेत कुल 15 छात्रों ने एडमिशन लिया है। 8 शिक्षक भी आ चुके हैं। उन्होंने कहा, "हमें पूरी उम्मीद
है कि यहां विदेशाें से और भी छात्र पहुंचेंगे। यहां पढ़ाई के इतर रिसर्च पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय को शुरू
कर हमने पहला स्टेप पूरा कर लिया है और अब आगे का काम करेंगे।"
2021 तक पूरा होगा विश्वविद्यालय के स्थायी भवन का निर्माण
विश्वविद्यालय की डीन डॉ. अंजना शर्मा ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की बेटी और दिल्ली
यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर उपिंदर कौर को विजिटर के रूप में बुलाया गया है। कक्षाओं और दफ्तर के लिए अस्थायी परिसर
बन चुका है। करीब 242 एकड़ में स्थायी भवन का काम चल रहा है, जो 2021 तक पूरा होगा।
अतीत और भविष्य
यह यूनिवर्सिटी नालंदा में थी। 413 से 1193 ईसवी तक यानी 780 साल तक यहां पढ़ाई हुई। उस वक्त बौद्ध
धर्म, दर्शन, चिकित्सा, गणित, वास्तु, धातु और अंतरिक्ष विज्ञान की शिक्षा का यह मुख्य केंद्र था। अब यहां बिजनेस
मैनेजमेंट, इकोलॉजी, पर्यावरण विज्ञान, इतिहास, इंटरनेशनल रिलेशंस एंड पीस आदि की कक्षाएं आयोजित होंगी।
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821 साल बाद 8 स्टूडेंट्स के साथ दोबारा शुरू हुई पढ़ाई
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